Saturday, 14 June 2014

तुम

तुम
अपनी चाय में शक्कर बहुत लेती हो
मैं बिना चीनी की ब्लैक कॉफ़ी पीता हूं
जब हम अपने अपने कप लिये
एक दूसरे के साथ बैठते हैं
मैं चुपचाप गिनता हूं
तुमने कितनी चम्मच शुगर डाली है कप में.....


इतनी शुगर कैसे अच्छी लगती है तुम्हें!
इतनी शुगर का करती क्या हो तुम?
चम्मच, चीनी और तुम्हें सोचता हुआ
मैं अपनी कॉफ़ी पीता हूं
जो मुझे मीठी लगती है!


तुम टैलेपैथी से बताती हो –
“मैं तुम्हारे जीवन में शक्कर घोल रही हूं!”

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