Tuesday, 19 August 2014

तुम मेरे लिये

तुम मेरे लिये
सुबह का कोमल सपना हो
पसंदीदा फूलों के
पार्क में घूमने जैसा।
मैं तुम्हारे लिये
एक कठिन चुनौती हूँ
पर्वत चीर देने जैसा है
मुझे प्यार कर पाना।

मेरी सैर के मज़े के लिये
तुम ये जंग़ कभी मत हारना! 

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