जुलाई
लायी या बुलायी जा सकती
तो मार्च ख़त्म होते ही मंगवा लेता
या ख़ुद जाकर जंगलों से
एक नयी ताज़ी जुलाई उठा लाता।
धुली धुली नहायी नहायी, जुलाई!
दरवाज़े के बाहर छतरी के स्टैंड में सजा देता
और कॉफ़ी के मग के साथ
खिड़की पर खड़े होकर देखता -
कैसे कभी जुलाई बादलों को हड़काती लाती है
कैसे कभी बादल जुलाई के पीछे-पीछे ख़ुद चले आते हैं।
लायी या बुलायी जा सकती
तो मार्च ख़त्म होते ही मंगवा लेता
या ख़ुद जाकर जंगलों से
एक नयी ताज़ी जुलाई उठा लाता।
धुली धुली नहायी नहायी, जुलाई!
दरवाज़े के बाहर छतरी के स्टैंड में सजा देता
और कॉफ़ी के मग के साथ
खिड़की पर खड़े होकर देखता -
कैसे कभी जुलाई बादलों को हड़काती लाती है
कैसे कभी बादल जुलाई के पीछे-पीछे ख़ुद चले आते हैं।
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