किसी और बात का ज़िक्र ना
यार कर
मेरे पास आ मुझसे मिल मुझे प्यार कर।
मेरे लबों पे अल्फ़ाज़ हैं मुरझाये मुरझाये से
तू आकर अपने होंठों से इन पे बहार कर।
याद करते करते तुझे बेहोशी आने लगी है
आ तू ही लेजा जान जाने का ना इंतज़ार कर।
तुझे काम होंगे हज़ार पर ये भी तेरा ही काम है
तेरा ही मर्ज़ है मरीज़ भी, तू ही ठीक यार कर।
मन तो था बिन बताये कभी मन की हो जाये
कहना पड़ रहा है तुझसे थककर ख़ुद से हारकर।
मैं तुझे बार बार यूँ ही बुलाती रहूँगी, सुन बादल
मैं धरती हूँ उजड़ती हूँ जब तू जाता है संवारकर।
मेरे पास आ मुझसे मिल मुझे प्यार कर।
मेरे लबों पे अल्फ़ाज़ हैं मुरझाये मुरझाये से
तू आकर अपने होंठों से इन पे बहार कर।
याद करते करते तुझे बेहोशी आने लगी है
आ तू ही लेजा जान जाने का ना इंतज़ार कर।
तुझे काम होंगे हज़ार पर ये भी तेरा ही काम है
तेरा ही मर्ज़ है मरीज़ भी, तू ही ठीक यार कर।
मन तो था बिन बताये कभी मन की हो जाये
कहना पड़ रहा है तुझसे थककर ख़ुद से हारकर।
मैं तुझे बार बार यूँ ही बुलाती रहूँगी, सुन बादल
मैं धरती हूँ उजड़ती हूँ जब तू जाता है संवारकर।
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